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जग में प्रकृति की रूप ही सबसे सुंदर है

जग में प्रकृति की रूप ही सबसे सुंदर है 

सृष्टि का हर एक प्राणी 
प्रकृति की रूप देख मनमोहित हो जाता है 
मुस्कुराहट आती है सबके चेहरे पर 
जग में प्रकृति की रूप ही सबसे सुंदर है।
देख सुबह की पहिली किरण
मन में काफी उल्लास होता है 
खिल उठता है सब जीवों का जीवन
जग में प्रकृति की रूप ही सबसे सुंदर है।
प्रकृति की मनोहारी रूप देख 
लगता है बहारों से खुशबू चुरा लूं 
बहुत अदभुत रचना है प्रकृति की
जग में प्रकृति की रूप ही सबसे सुंदर है।
प्रकृति की गोद में 
कोयल भी कहती है कुहकू 
और मोर नाचे झुमकें 
जग में प्रकृति की रूप ही सबसे सुंदर है।
कहते है लोग अक्सर यही कि 
अब समय बदल गया है 
पर झरनें गुनगुना रही है,नदियां गीत सुना रही है 
जग में प्रकृति की रूप ही सबसे सुंदर है।
ढंडी ढंडी बहती हवाएं
दिल को सुकून हर पल देती है 
कितना प्यारा कितना निराला रूप है प्रकृति की
जग में प्रकृति की रूप ही सबसे सुंदर है ।

नूतन लाल साहू

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